सूचना स्रोत, कुंडा: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में फर्जी तलाक और फिर निकाह के मामले में पुलिस ने काजी सहित सात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अभियांत्रिकी में कहा जाता है कि काजी ने चंद पैसों के लालच में एक शादीशुदा महिला का बगैर तलाक का फतवा जारी कर निकाह करवा दिया। इसके परिणामस्वरूप, काजी की परेशानियां बढ़ गई हैं।
कुंडा के बरई गांव के निवासी अब्दुल महफूज फारूकी ने आरोप लगाया कि उनका निकाह 17 अक्टूबर 2009 को कहकशा बानों की पुत्री सिराजुद्दीन निवासी गयासपुर के साथ हुआ था। शादी के बाद उनके बीच किसी विवाद के कारण पत्नी ने मुकदमा दर्ज करवाया। यह मामला अब तक न्यायालय में विचाराधीन है।
आरोप है कि 28 जुलाई 2022 को उनके ससुर और साले ने शेखपुर आशिक गांव के निवासी काजी फहीम अख्तर से मिलकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से तलाक का फतवा जारी करवाया और 25 मई 2023 को उनकी पत्नी का दूसरा निकाह करवाया।
समय पर, काजी के फतवे के संबंध में महफूज प्रयागराज के काजी शफीक अहमद शरीफी से परामर्श लिया गया। उन्होंने काजी प्रतापगढ़ के फहीम अख्तर से कौम से माफी मांगने का फतवा जारी किया।
इसी दौरान, पुलिस ने अब्दुल महफूज की दाखिल की गई रिपोर्ट के आधार पर काजी फहीम अख्तर, सिराजुद्दीन, नौशाद, इरशाद खान, सिराजुद्दीन के पुत्रगण, मो. मोईन पुत्र वजीउल्ला, मो. जैद पुत्र इश्तियाक अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। कुंडा कोतवाल की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच विधिवत तरीके से की जा रही है।