नई दिल्ली: सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम केश को लेकर दोषी ठहराया था और इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इस फैसले के बाद अब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी गुजरात हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद कुछ दिनों बाद ही राहुल गांधी को उनके दिल्ली में स्थित सरकारी बंगले को खाली करना पड़ा था। बंगले को खाली करते समय राहुल गांधी ने कहा था कि वे सिर्फ सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं और आगे भी ऐसे ही सच बोलते रहेंगे। वे इसके लिए किसी भी कीमत को चुकाने के लिए तैयार हैं।
राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है ताकि इस मामले की जांच हो सके। सूरत कोर्ट में राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि मोदी सरनेम कोई संघ नहीं है। ऐसा दावा किया जाता है कि पूरे भारत में 13 करोड़ से अधिक मोदी हैं, लेकिन इसमें मोदी का कोई मामला नहीं है। राहुल गांधी की तरफ से उनके वकील ने बताया था कि गोसाई एक जाति है, और गोसाई जाति के लोगों को मोदी कहा जाता है। मोदी बिरादरी क्या है, इसे लेकर बहुत भ्रम है और अगर हम इस समूह की पहचान करने की कोशिश करते हैं, तो सबूत हमें भ्रमित करते हैं।