मध्य प्रदेश में एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब किए जाने की घटना के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित को सीएम आवास बुलाकर पीड़ित के पैर धोए और उससे माफी मांगी। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पूरे मामले को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ आरोप लगाए हैं। सपा नेता ने कहा है कि यह सब वोट की कीमत और विधानसभा चुनाव में हार के डर से माफी मांगी है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्ट ने अपने ट्वीट में लिखा है, “यही है लोकतंत्र की शक्ति, यही है वोट की कीमत कि मध्यप्रदेश के मा. मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान को सीधी पेशाबकांड के पीड़ित आदिवासी युवक के पैर पड़े और उनसे क्षमा-याचना करनी पड़ी, क्योंकि डर है कि विधानसभा चुनाव में आदिवासी, दलित-पिछड़े मिलकर भाजपा का फायदा नहीं उठा पाएंगे। बहुत धन्यवाद हैं भारतीय संविधान के संरक्षक बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर को, धन्य हैं हमारा भारतीय संविधान और धन्य हैं हमारी वह आदिवासी बहन जिसने मा. मुख्यमंत्री को उनकी संपत्ति देने के प्रस्ताव पर गर्व के साथ कहा, “हमें पैसा नहीं चाहिए, हमें अपने अधिकारों की इच्छा है।”
इस मामले से पहले, एक सपा नेता ने इस तरह से ट्वीट किया था: “क्या यही हिन्दू राष्ट्र का असली चेहरा है, जब एक पूर्व भाजपा विधायक ने आदिवासी समाज के एक युवक को पेशाब करते हुए उसका मजाक उड़ाया? ये वह नफरत का बीज बोने वाले हैं, जो लव जेहाद के नाम पर द्वेष बढ़ाते हैं। अपने आपको देखिए, आप कहाँ खड़े हो और कितनी नीचे गिरेंगे?” इसी मामले पर बसपा की सुप्रीमो, मायावती जी ने भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया: “क्या यह सही है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सीधी ज़िले के एक आदिवासी युवक को भोपाल में 600 किलोमीटर दूर ले जाकर सरकारी बंगले में कैमरे के सामने उसके पैर धोने के लिए बुलाया? यह सरकारी पश्चाताप और चुनावी राजनीति की नाटकबाजी ज्यादा दिखती है। क्या ऐसा कृत्य उचित है?”