एक पूर्व मंत्री की मां के उपचार में स्वास्थ्य विभाग की आश्वासना जोरपूर हो गई है। यह बताया गया है कि इस मामले में सरकार का कोई नियम तोड़ा नहीं गया है। स्वास्थ्य विभाग ने व्यापारियों के लिए भी नियमों का पालन करने की अपेक्षा रखी है। इसके अलावा, विभाग ने सरकारी बजट के अनुसार मशीनें और उपकरण खरीदकर पूर्व मंत्री की मां के उपचार को सुनिश्चित कर दिया है।
डॉ. संदीप सक्सेना, उपमुख्यमंत्री कार्यालय के अधीन डिप्टी सीएमओ, बेलखरनाथ सीएचसी की जांच करने के लिए पहुंचे तो मामले की पोल खुल गई। हालांकि, वर्तमान में इन उपकरणों की स्थिति अज्ञात है और उनके मौजूदा स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पूर्व मंत्री के निकटतम लोग इन उपकरणों के घर आने के दावे को अस्वीकार कर रहे हैं।
डिप्टी सीएमओ डॉ. संदीप सक्सेना ने बेलखरनाथ सीएचसी के निरीक्षण के दौरान स्टॉक रजिस्टर की सामग्री का मिलान करवाया, और उसमें पता चला कि पूर्व मंत्री की मां के उपचार के लिए भेजे गए सामान की वापसी नहीं हुई है। डॉ. संदीप सक्सेना ने सीएमओ डॉ. जीएम शुक्ल को इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार करके भेजी है, जिसमें बताया गया है कि 16 जून को सीएचसी की निरीक्षण की गई थी।
सामान नियमों के खिलाफ भेजे गए थे
जब जांच के दौरान स्टॉक रजिस्टर देखा गया, तो पता चला कि सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरिफ ने नियमों के विपरीत कार्य करते हुए एक पूर्व मंत्री की बीमार मां के लिए अस्पताल से बेड, गद्दा, ऑक्सीजन जांच मशीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, डिजिटल वेइंग मशीन, और डिजिटल बीपी मशीन को उनके घर भेज दिया था। हालांकि, उनकी मां के निधन के बावजूद, अभी तक सामान वापस नहीं पहुंचा है।
सीएचसी अधीक्षक आरिफ ने बताया कि पूर्व मंत्री की मां के निधन के बाद, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम की वजह से, गांव के आंगनवाड़ी केंद्र में एक अलग वार्ड तैयार किया गया था। इस वार्ड में बेड, गद्दा, और अन्य उपकरण सीएमओ के निर्देशानुसार संचालित हो रहे थे। चिकित्सकों की भी नियुक्ति की गई थी।