इंटरलॉकिंग सिस्टम: ओडिशा रेल हादसे का खुलासा
ओडिशा रेल हादसा देश के सबसे भयानक रेल हादसों में से एक माना जाता है। यह दुर्घटना ने देशवासियों को हिला कर रख दिया है। इस हादसे में लगभग 300 लोगों की मौत हुई है, और आपातकालीन बचाव कार्यों के बाद भी 1000 के करीब लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद, सभी लोगों के मन में एक सवाल है – इतनी बड़ी रेल हादसा कैसे हुआ? क्या यह एक अनजान चूक से हुआ, असावधानी से हुआ, या फिर इस हादसे को साजिश के तहत योजित किया गया? यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है और इसका जवाब ढूंढ़ने के लिए गहरी जांच की जा रही है।
प्राथमिक जांच में, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस हादसे में किसी भी ट्रेन चालक की गलती नहीं हुई है। इसके बावजूद, लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि ऐसा हादसा कैसे हो सकता है? प्राथमिक जांच के आधार पर, रेलवे ने इस घटना को इंटरलॉकिंग सिस्टम में होने वाली खराबी को लेकर सवाल उठाया है कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन पर सीधे जाना चाहिए था, लेकिन गलती से वह लूप लाइन पर चली गई और इसी कारण इतनी भयानक घटना घटी। कोरोमंडल एक्सप्रेस को लूप लाइन पर भेजने के लिए, इंटरलॉकिंग सिस्टम को लूप लाइन पर सेट किया जाना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय ट्रेन लूप लाइन पर जाकर मालगाड़ी से टकरा गई