हमीरपुर क्षेत्र में हथिनी कुंड से लाखों क्यूसेक पानी निर्वाहित होने के कारण, यहां अब यमुना और बेतवा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, दोनों नदियाँ अभी भी लाल चेहरे से काफी नीचे पर बह रही हैं, लेकिन 24 घंटे के अंदर यमुना का जलस्तर 41 सेमी बढ़ जाने के कारण प्रशासन में चेतावनी दी गई है। नदियों के जलस्तर पर नजर रखते हुए, बाढ़ सतर्कता के लिए चौकस लगाई गई है।
हमीरपुर शहर एक ऐसा स्थान है जो यमुना और बेतवा नदियों द्वारा घिरा हुआ है। यहाँ यमुना नदी, जो लगभग 77 किलोमीटर लंबी है, उत्तरी सीमा के 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को प्रभावित करती है। इसी प्रकार, बाढ़ के समय लगभग 134 किलोमीटर लंबी बेतवा नदी 1500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को प्रभावित करती है। साथ ही, 22 किलोमीटर लंबी केन नदी से 400 वर्ग किलोमीटर, 71 किलोमीटर लंबी धसान नदी से 600 वर्ग किलोमीटर, 94 किलोमीटर लंबी विरमा नदी से 200 वर्ग किलोमीटर और 90 किलोमीटर लंबी चन्द्रावल नदी से डेढ़ हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बाढ़ के मौसम में प्रभावित होता है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर 15 नाले भी बारिश के समय उफनाते हैं। पिछली बार बाढ़ के कारण दर्जनों गांवों में विपदा का विनाश हुआ था। हमीरपुर शहर में भी कई मुहल्लों में बाढ़ के पानी से सैकड़ों मकान नष्ट हो गए थे। इस बार लगातार बारिश होने के बीच, हथिनी कुंड से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि होने की खबर मौदहा बांध निर्माण खंड के सहायक अभियंता सर्वजीत वर्मा ने गुरुवार को साझा की। सर्वजीत वर्मा ने बताया कि हथिनी कुंड से साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किए जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। 24 घंटों के अंदर यमुना नदी का जलस्तर 41 सेमी बढ़ गया है, साथ ही बेतवा नदी का जलस्तर भी इसी समयांतर में 26 सेमी बढ़ा है। यमुना नदी का जलस्तर वर्तमान में 90.660 मीटर पर है, जबकि बेतवा नदी का जलस्तर 90.150 मीटर है। इसके साथ-साथ बताया गया है कि दोनों नदियों के जलस्तर को सतर्कता से निगरानी की जा रही है।