चंद्रयान-3 लैंडिंग: भारत ने बुधवार को अंतरिक्ष की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाया। चंद्रयान-3 ने विजयी रूप से चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंडिंग की साहसिक प्रक्रिया को पूरा किया। लैंडर ‘विक्रम’, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने निर्धारित समय पर, शाम 6:04 बजे, चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग किया। इस अद्वितीय संघर्ष के पूर्व, इसरो के नियंत्रण कक्ष में तत्वरात उत्सुकता थी, जहां इसरो के वैज्ञानिक लैंडर के पैरामीटर जांच रहे थे।
आखिरी 10 मिनटों के समय में प्रधानमंत्री मोदी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। चंद्रयान-3 के लैंडर ने जब चंद्रमा की सतह पर कदम रखा, तो इसरो केंद्र में तालियों की गूंज सुनाई दी और सभी एक दूसरे को बधाई देने लगे। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने भी इस महत्वपूर्ण प्राक्टिकल कार्य में अपनी टीम को बधाई दी।
इसरो के तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान-3, के सफल पूर्वानुमान पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक पलों को देखकर हमें गर्व होता है। यह नये भारत की नयी शुरुआत है, जिसमें हमने अपने संकल्प को धरती पर प्रत्यक्ष किया और चंद्रमा पर उसे साकार किया। भारत अब चंद्रमा पर उपस्थित है, और इससे पहले किसी भी राष्ट्र ने चंद्रमा के दक्षिणी पोल तक पहुंचने में सफलता हासिल नहीं की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चंद्रमा-3 का मिशन भारतीयों की साझी सफलता है, और यह सिर्फ भारत की ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सफलता है। उन्होंने यह भी जताया कि चंद्रमा के निकट जाने वाले पहले राष्ट्र बनने में भारत अग्रणी बन गया है, और उन्होंने इसरो के निदेशक पी. वीरमुथुवेल के प्रति भी अपनी प्रशंसा व्यक्त की, जिन्होंने इस साहसी मिशन की अगुआई की।