अंजू पाकिस्तान में: प्यार के चक्करों में कैलोर गांव से पाकिस्तान की यात्रा
अंजू, माधौगढ़ तहसील के कैलोर गांव से हैं, जो प्यार के चक्कर में पाकिस्तान पहुंच गईं। उनके पासपोर्ट में जन्मस्थान के रूप में कैलोर गांव का उल्लेख था। जब पता चला कि उनके पासपोर्ट में यह जन्मस्थान दर्ज है, तो पुलिस में भी सनसनी फैल गई। टीम कैलोर गांव पहुंची और वहां पता चला कि अंजू का ननिहाल भी कैलोर गांव ही था और उनका बचपन भी यहां बीता था। अंजू अपने मामा सुनील के घर रहकर कक्षा छह तक की पढ़ाई की थी।
वर्तमान में सुनील राजस्थान के भिवंडी जिले में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम कर रहे हैं। वे अंजू के चचेरे मामा हैं और बताते हैं कि उनका अंजू और उनके परिवार से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि उन्होंने ईसाई धर्म को अपना लिया था।
दो साल पहले एक शादी में कैलोर गांव आई थी
अंजू के नाम की जब कैलोर में चर्चा हुई तो गांव के लोग दबी जुबान में बताएं कि करीब दो साल पहले अंजू अपने ननिहाल में अपनी मामेरी बहन की शादी में शामिल होने आई थी। उसके बाद से उसका कैलोर आना-जाना नहीं हुआ।
पुलिस ने बताया कि अंजू बचपन में ही कैलोर गांव में रही थीं और उनका जन्म भी यहीं हुआ था, इसलिए पासपोर्ट में उनका जन्मस्थान कैलोर गांव के रूप में दर्ज किया गया था। कोई और नाम का पासपोर्ट जालौन से नहीं बना था और न ही कोई इंक्वायरी हुई थी।